सहजन की पत्तियों के हैं कई औषधीय गुण, इस तरह करें खाने में इस्तेमाल


भोजन के रूप में उपयोग होने की अपेक्षा दवा के रूप में ड्रमस्टिक का उपयोग सबसे अधिक होता है। सहजन के जड़ में उत्कृष्ट पोषक तत्व पाये जाते हैं और इसमें फाइटोकेमिकल कंपाउंड एवं एल्केनॉयड पाया जाता है। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सहजन की पत्तियों का रस निकालकर काढ़ा बनाकर देने से लाभ मिलता है
सहजन के पत्ते ही क्यों : जर्नल यूरोपीयन रिव्यु फॉर मेडिकल एंड फार्मकलाजिकल साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सहजन के पत्तों के रस से अल्फा ग्लुकोसिडेस और पैन्क्रीऐटिक अल्फा-एमिलेस एंजाइमों को रोकने में मदद मिलती है। ये तब बढ़ जाते हैं, जब व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित होता है। इसके पत्तों का एंटी हाइपरग्लाइसेमिया प्रभाव पड़ता है। इन पत्तों से ग्लूकोज सहनशीलता में सुधार लाने और ब्लड ग्लूकोज लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इनसे नाइट्रिक एसिड व सीरम ग्लूकोज कम करने और सीरम इंसुलिन व प्रोटीन लेवल बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
सहजन की हरी पत्तियों का सब्जी, दाल और सांभर आदि में स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सहजन को कई जगह मुनगा, सूरजने की फली और कहीं मुरिंगा बोला जाता है। एंटीऑक्सीडेंट और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर सहजन से आपको कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह आपके ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रखने में सहायक हैं।
सहजन के पत्ते न केवल कोलेस्ट्रॉल मिसेलाइजेशन रोकने में सहायक हैं बलकी इनके एंजाइम कोलेस्ट्रॉल के संश्लेषण में भी मदगार हैं। ये हरे पत्ते टोटल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का लेवल कम करते हैं और आंत में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकने में सहायक हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल रहता है। इतना ही नहीं इन पत्तों फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट होने की वजह से एथ्रोस्केलोरोसीस हाइपरटेंशन और अन्य बामारियों का जोखिम कम होता है।

इसका इस्तेमाल ऐसे करें : आप सहजन के पत्तों को दाल और सब्जी में मिलाकर खा सकते हैं। इसके अलावा आप इसके पत्तों को आटे में मिलाकर पराठे बनाकर खा सकते हैं।
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