Nagfani: नागफनी के हैं बहुत चमत्कारिक लाभ

Welcome to Nisarg Organic Farm! In this blog, we will be discussing Nagfani – a unique type of vegetable that is known for its numerous health benefits. We will be discussing how to grow Nagfani, the benefits of Nagfani, and how to use Nagfani.

What is Nagfani?

Nagfani is a type of vegetable that is native to India. It is a small egg-shaped vegetable with a thin skin, and has a slightly sweet flavor when eaten raw. It is rich in vitamins, minerals, antioxidants, and dietary fiber, making it a great addition to any diet.

How to Grow Nagfani?

Growing Nagfani is not difficult and can be done in a variety of ways. The best way to grow Nagfani is to sow the seeds directly into the ground in the spring. Nagfani needs to be planted in full sun and needs well-drained soil. It can be grown in containers, raised beds, or in the ground.

Benefits of Nagfani

Nagfani is a great source of vitamins and minerals, making it a great addition to any diet. It is rich in antioxidants, which helps to protect the body from oxidative damage. It is also high in dietary fiber, which aids in digestion and helps to keep you feeling full for longer. Additionally, it is high in essential fatty acids, which are essential for brain and heart health.

How to Use Nagfani

Nagfani can be eaten raw, cooked, or even pickled. It can be added to salads, soups, stir-fries, and more. It can also be used to make chutneys and pickles, as well as being added to curries, dals, and other Indian dishes.

At Nisarg Organic Farm, we are dedicated to providing only the freshest and highest quality of Nagfani. We hope that this blog has been helpful in understanding the benefits of Nagfani and how to use it in recipes. We wish you all the best in growing and using this amazing vegetable!

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नागफनी का परिचय

आपने देखा होगा कि बहुत सारे लोग घरों की सुंदरता के लिए अपने घरों के आगे फूल-पौधे लगाते हैं। दरअसल फूल और पौधों की खूबसूरती के कारण घरों का लुक भी आकर्षक हो जाता है। आपने यह भी देखा होगा कि कुछ घरों के आगे गमलों में कांटेदार पौधे भी लगे होते हैं। इसी कांटेदार पौधे का नागफनी है। नागफनी का पौधा कांटेदार होने के बाद भी देखने में काफी खूबसूरत होता है। उम्मीद है कि आपको केवल इतना ही पता होगा। शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि नागफनी का उपयोग केवल सुंदरता के लिए ही नहीं बल्कि अन्य कामों के लिए भी किया जाता है। आप यह भी नहीं जानते होंगे कि नागफनी का प्रयोग एक औषधि के रूप में भी होता है।

जी हां, यह सच है। पुराने समय में नागफनी के काँटे से ही कान में छेद कर दिया जाता था। चूंकि इसके कांटे में एंटीसैप्टिक के गुण होते हैं, इस कारण न तो कान पकता था और न ही उसमें पस (पीव) पड़ती थी। इस कारण इसे वज्रकंटका के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा भी नागफनी के फायदे और भी हैं। आइये जानते हैं नागफनी के औषधीय प्रयोगों के बारे में।

नागफनी क्या है ?

नागफनी (nagfani tree) एक कैक्टस है जो सूखे तथा बंजर स्थानों पर उगता है। इसका तना पत्ते के सामान लेकिन गूदेदार होता है। इसकी पत्तियां काँटों के रूप में बदल जाती हैं। यह 2-4 मीटर तक ऊँचा, सीधा, अनेक शाखाओं वाला, मांसल, कांटों से युक्त और कई वर्ष तक जीवित रहने वाला है। पानी की कमी वाले स्थानों में पैदा होने के कारण इसके पत्ते कांटों के आकार में होते हैं। नागफनी के पौधे (Nagfani Plant) को बहुत ही कम पानी की आवश्यकता होती है। इसके कांटे बहुत मजबूत होते हैं।

नागफनी के फल गोलाकार अथवा नाशपाती के आकार के होते हैं। यह आधे पके होने की अवस्था में बहुधा मांसल और पूरे पके होने पर गहरे लाल रंग के हो होते हैं। नागफनी के पौधे में फूल और फल अप्रैल-सितम्बर से नवम्बर-दिसम्बर तक होता है।

अनेक भाषाओं में नागफनी के नाम

नागफनी (nagfani tree) का वानस्पतिक नाम ओपुन्शिया इलेटीओर (Opuntia elatior Mill.), Syn-Opuntia dillenii Haw. तथा Cactus elatior (Mill.) Willd है। यह कॅक्टेसी (Cactaceae) कुल का पौधा है। अंग्रेजी भाषा तथा विविध भारतीय भाषाओं में इसके नाम निम्नानुसार हैंः-

Hindi – नागफनी, नागफणी, हट्ठथोरिया, नागफन 

English – Prickly pear (प्रिक्ली पियर), स्लिपर थार्न (Slipper thorn)

Urdu – नागफनि (Nagaphani) 

Oriya – नागोफेनिया (Nagophenia), नागोफेनी (Nagopheni) 

Kannada – छप्पातिगल्ली (Chapatigalli), दब्बुगल्ली (Dabbugalli) 

Gujarati – चोर्हठालो (Chorhathalo)

Bengali – नागफन(Nagphana), फे निमामा (Phe nimama)

Nepali – सिऊंदी भेद (Siundi bhed)

Punjabi – छित्तरथोहर (Chittarthohar)

Tamil – मुल्लुक्काल्लि (Mullukkalli), नागदलि (Nagadali)

Telugu – नागदलि (Nagadali), नागजेमुदु (Nagajemudu) 

Malayalam – नागमुल्लु(Nagmullu), नागतलि (Nagtali)

नागफनी के औषधीय लाभ

नागफनी (nagfani tree) स्वाद में कड़वी, पचने पर मधुर और प्रकृति में बहुत गर्म होती है। नागफनी कफ को निकालती है, हृदय के लिए लाभकारी होती है, खून को साफ करती है, दर्द तथा जलन में आराम देती है और खून का बहना रोकती है। नागफनी खाँसी, पेट के रोगों और जोड़ों की सूजन तथा दर्द में लाभ पहुँचाती है। इसके फूल (nagfani flower) कसैले होते हैं। इसका तना तासीर में ठंडा और स्वाद में कसैला होता है। तना हल्का विरेचक (Purgative), भूख बढ़ाने वाला और बुखार तथा विष को नष्ट करने वाला होता है। विभिन्न रोगों में इसके प्रयोग की विधि यहाँ दी जा रही है।

नागफनी के सेवन से दमा-खाँसी का इला

खाँसी और दम फूलने यानी दमा जैसे रोगों में नागफनी का प्रयोग काफी लाभदायक है। 10 मिली नागफनी के फल के रस में दोगुना मधु तथा 350 मिग्रा टंकण मिला कर सेवन करें। इससे खाँसी और दम फूलने की परेशानी में लाभ होता है।

नागफनी के फल की छाल के 1-2 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से खाँसी, दम फूलना और काली खाँसी में लाभ होता है। दमा-खांसी से राहत दिलाने में नागफनी के फायदे से लाभ मिलता है।

 

आंखों के लिए लाभकारी है नागफनी का प्रयोग

नागफनी के तने के गूदे को पीसकर आँखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आँखों के अनेक रोग ठीक होते हैं।

आंखो मे लाली  की समस्या हो तो नागफनी (nagfani tree) के तने से कांटे साफ कर दें और फिर बीच में से फाड़ लें। इसके गूदे वाले भाग को कपड़े में लपेट कर आँखों पर रखने से लाभ होता है।

नागफनी के उपयोग से कब्ज की परेशानी में फायदा

नागफनी (nagfani ka paudha)में पेट को साफ करने का भी गुण होता है। 1-2 ग्राम नागफनी के फल के चूर्ण का सेवन करने से कब्ज समाप्त होती है और मल खुल कर आता है।

नागफनी के फल की बजाय यदि 1-2 ग्राम फूलों (nagfani flower) के चूर्ण का सेवन किया जाए तो पेचिश की शिकायत में लाभ होता है।

खून की कमी  दूर करे नागफनी का सेवन

शरीर में खून की कमी होने से शरीर का रंग पीला दिखने लगता है और कमजोरी भी आती है। इसमें नागफनी का प्रयोग करें। नागफनी के पके हुए फलों का प्रयोग करने से खून की कमी से शरीर के पीला पड़ने की बीमारी में लाभ होता है।

ल्यूकोरिया  ठीक करे नागफनी का प्रयोग

सफेद प्रदर यानी योनीमार्ग से सफेद पानी का जाना महिलाओं की एक आम बीमारी है। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर काफी खराब असर पड़ता है और वह कमजोर तथा पीली पड़ जाती है। नागफनी के फल (magfali)के 1-2 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से सफेद प्रदर यानी ल्यूकोरिया रोग में लाभ होता है।

नागफनी  (nagphani) के सेवन से पुरुषों में होने वाले सुजाक यानी गोनोरिया रोग का भी नाश होता है।

प्रोस्टेट की समस्या दूर करे नागफनी का सेवन

आयु बढ़ने से प्रोस्टेट ग्लैंडों यानी पौरुष ग्रंथि का बढ़ना, पुरुषों में होने वाली एक आम परेशानी है। पेशाब करने में समस्‍या ही प्रोस्‍टेट कैंसर के प्रमुख लक्षण है। प्रोस्‍टेट ग्रंथि बढ़ने के कारण पेशाब करने में परेशानी होती है। रात में बार-बार पेशाब जाना, अचानक से पेशाब निकल आना, पेशाब रोकने में समस्‍या आदि लक्षण प्रोस्‍टेट कैंसर में दिखाई पड़ते हैं। नागफनी के फूलों (nagfani flower) के चूर्ण का सेवन करने से प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ जाने की समस्या दूर होती है।

जलन, सूजन  व दर्द दूर करे नागफनी का प्रयोग

नागफनी (nagphani) में एंटीसैप्टिक के साथ-साथ एंटी इनफ्लैमैटरी गुण भी होते हैं। इसलिए वे दर्द, सूजन और जलन आदि में काफी आराम पहुँचाते हैं। नागफनी के पत्तों को अच्छी तरह पीसकर जोड़ों पर लगाने से जोड़ों में हुई सूजन समाप्त होती है और उनमें होने वाली जलन और दर्द में भी आराम मिलता है।

खून की गरमी के कारण होने वाली जलन तथा दर्द में नागफनी के तने को पीसकर लगाने से आराम मिलता है।

चर्म रोग तथा घाव ठीक करे नागफनी का प्रयोग 

नागफनी (nagfani tree) में एंटीसैप्टिक गुण होते हैं। इसलिए यह अनेक चर्मरोगों में काम आता है। नागफनी घावों को शीघ्र भर देता है, उनमें संक्रमण नहीं पनपने देता और कीड़ों तथा पस यानी पीव को नष्ट करता है।

  1. नागफनी के तने के गूदे को पीसकर घाव पर लगाने से घाव शीघ्र भर जाता है। कीटाणुओं के संक्रमण के कारण होने वाले घावों को ठीक करने के लिए भी इसको पीसकर घाव पर लगाते हैं।
  2. नागफनी (nagphani) को पीसकर त्वचा पर लगाने से दाद, खुजली आदि चर्म रोगों और चोट के कारण हुई सूजन तथा जलन भी ठीक होते हैं।
  3. यदि फोड़े कच्चे हों और पक न रहे हों तो नागफनी के पत्तों को पीसकर गुनगुना गर्म करके फोड़ों पर लेप कर दें। फोड़े शीघ्र पक कर फूट जाएंगे।

हड्डियों को मजबूत करने में नागफनी के फायदे

एक रिसर्च के अनुसार नागफनी में कैल्शियम तत्त्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिसके कारण यह हड्डियोको मजबूत  बनाये रखने में भी मदद करता है।

पाचन क्रिया में सहायक नागफनी का सेवन

एक रिसर्च के अनुसार नागफनी का पल्प यानि गुदा या एक्सट्रेक्ट पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी मदद करता है जिससे खाना जल्दी पच जाता है। 

पीलिया  रोग में फायदेमंद नागफनी का इस्तेमाल

नागफनी (nagphani) के पके फलों का प्रयोग कामला या पीलिया रोग की चिकित्सा में किया जाता है। इसके लिए आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से नागफनी के प्रयोग की जानकारी लें।

वजन घटाने में सहायक नागफनी

एक रिसर्च के अनुसार नागफनी में एंटी ओबेसिटी गुण पाए जाने के कारण यह मोटापा यानी बढे हुए वजन को कम करने में भी लाभदायक होता है। 

मधुमेह को नियंत्रित करने में फायदेमंद नागफनी

एक रिसर्च के अनुसार नागफनी में एंटी डायबिटिक गुण पाए जाने के कारण यह डायबिटीज के लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है। 

नागफनी के उपयोगी हिस्से

नागफनी के पत्ते यानी कांटे

फूल (nagfani flower)

फल

नागफनी के इस्तेमाल की मात्रा और सेवन विधि (Usages & Dosages of Nagfani Tree)

रस – 10 मिली

चूर्ण – 1-2 ग्राम

अधिक लाभ के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार नागफनी का इस्तेमाल करें।

नागफनी कहाँ पाया या उगाया जाता है? (Where is Nagfani Found or Grown?)

नागफनी का पौधा (nagphani tree) सबसे पहले मैक्सिको में उगाया गया था है और अब यह भारत में भी बहुत आसानी से उपलब्ध है। भारत में यह शुष्क भागों, प्रायद्वीपों एवं बगीचों के किनारे पाया जाता है। प्रायः लोग इसे घरों के बाहर या खेतों के किनारों पर बाड़ के रूप में लगाते हैं। यह बाग-बगीचों में भी पाया जाता है।

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Comments (2)

  1. balbhara pandya

    BAHUT FAYDEMAND JANKARI HE BAIYA , I WAS USED THAT AND SEE RESULT

  2. balbhara pandya

    BAHUT FAYDEMAND JANKARI HE BAIYA

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